Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2021 · 1 min read

दोहा

गहन उदासी हृदय की,
समझ न पाए कोय।
जो घट भीतर घट रहा,
कैसे परकट होय।

Language: Hindi
481 Views

You may also like these posts

''गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे''
''गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे''
शिव प्रताप लोधी
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी
नारी
राकेश पाठक कठारा
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
Rj Anand Prajapati
4820.*पूर्णिका*
4820.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
शिवम राव मणि
राम राम
राम राम
Sonit Parjapati
टूटता   है  यकीन  खुद  पर  से,
टूटता है यकीन खुद पर से,
Dr fauzia Naseem shad
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
Sakhi
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
Dr Archana Gupta
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
शौचालय
शौचालय
लक्ष्मी सिंह
विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामप
विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामप
गुमनाम 'बाबा'
कहते- कहते रह गया,
कहते- कहते रह गया,
sushil sarna
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
कर्जदार हो तुम।
कर्जदार हो तुम।
Priya princess panwar
रिश्ता दिल से होना चाहिए,
रिश्ता दिल से होना चाहिए,
Ranjeet kumar patre
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
"हम सभी यहां दलाली कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
प्रेमदास वसु सुरेखा
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
gurudeenverma198
*समय बहुत बलवान सुनो यह, राजा को रंक बनाता है (राधेश्यामी छं
*समय बहुत बलवान सुनो यह, राजा को रंक बनाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
आजकल की बेटियां भी,
आजकल की बेटियां भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
" उड़ान "
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़ा-सा मुस्कुरा दो
थोड़ा-सा मुस्कुरा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
Loading...