तीन हिन्दी दोहे बिषय- अहंकार
हिंदी दोहे बिषय-“अहंकार”
1
जिसने भी छोड़ा नहीं,
अहंकार का भाव।
उसके जीवन में सदा,
रहता है दुर्भाव।।
***
2
लोभ क्रोध, अरु मोह भी,
अहंकार के साथ।
यदि इनको छोड़ा नहीं,
क्षोभ रहेगा हाथ।।
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3
अहंकार ने खा लिया,
राक्षस रावण राज।
अपना करके नम्रता,
मिला बिभीषण ताज।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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