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25 Jun 2021 · 1 min read

मेरा गांव

मेरा छोटा सा गांव
जहां है पीपल की छांव
नदियों का पानी मारे हिचकोले
खेतों में ताल खुशी से डोले
अमवा पर कोयल की कुहू कुहू
बगिया में पपिहा की पीहू पीहू
खेतों में गेहूं की बालियां है जहां
और सरसों की कलियां भी वहां
अम्मा का कुएँ से घड़ा भरकर लाना
अब्बा का शाम को थक कर घर आना
भोर से पहले सबका जगना
और शाम को तुलसी की पूजा दिए का जलना
मेरा छोटा सा गांव
जहां है पीपल की छांव
कच्ची कच्ची गलियां कच्चे घर
चले रेलगाड़ी जहां पुल पर
दादी नानी के किस्से और कहानियां
जिसमें होते थे राजा और रानियाँ
भाई बहन का झगड़ा और दुलार सखी सहेलियां
और स्कूल में शिक्षकों का प्यार
घर आंगन में होता है सारा संसार
मेरा छोटा सा गांव
जहां है पीपल की छांव

रचनाकार मंगला केवट होशंगाबाद मध्य प्रदेश

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