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24 Jun 2021 · 1 min read

वादा

ये दिल बेकरार दिल बार -बार पूछता
क्यों किया दम घुटने वाला वादा ?
ये दिल बार -बार पूछता है……..
अपने ही अरमानों का शर्मसार किया।

लग जाएं ना तेरे दमन में दाग
यहीं रोष प्रकट करते हूं ।

चांदी की रोशनी से छिपा
भागता – भागता फिरता हूं ।

कहीं दिखा ना जाइए परछाई ,
परछाई को भी निगरानी में रखता हूं ।

संयम की क्रांतिकारी अल्फाज में
हर आहट को समले रखता हुई ।

टूटी फूटी से संसार बचाए रखता हुई
मैं और मेरी खयमोशी चुप रह कर ,
किया हुआ वादा पूरा करता हूं।

रहे हर दिन और रात खुशी से
भरपूर तेरी ,यही रात की तनहाई
ख्वाबों में भी बोला करता हूं ।

गौतम साव

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