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20 Jun 2021 · 1 min read

गायत्री जयंती

गायत्री जयंती/ गंगा दशहरा पर्व
दस दोहे

गंगा के दो रूप हैं, एक धरा पर नीर।
दूजा बुद्धि विवेक का , गायत्री के तीर ।।

एक साथ अवतार है ,कहते वेद पुरान।
एक बही जल धार बन, दूजे समझो ज्ञान ।।

गंग दशहरा नाम से, पूजित गंगा मात ।
ज्ञान शक्ति अवतार में ,गायत्री सब गात ।।

भगीरथी गंगा हुई, तप बल विश्वामित्र ।
गायत्री साधक हुए,क्षत्रिय त्याग चरित्र ।।

पर्व जयंती पूजते, गुरु बशिष्ठ को आज ।
वेद मूर्ति श्रीरामने, किये जगत हित काज।।

गायत्री की साधना,सबके हित की बात ।
श्री राम आचार्य कहा, गायत्री जग मात।।

सारे बंधन मुक्त कर, हटा दिया प्रतिबंध ।
एक शर्त ही आचरण,मंत्र जाप अनुबंध ।।

जगत गुरू आचार्य जी, गायत्री जप मंत्र ।
युग परिवर्तन के लिए, बना गये शुभ तंत्र ।।

आचरण व्यवहार बदल,मानव बने महान ।
शूद्र जन्म सबका रहा, कर्म देत सम्मान ।।

अब बारी है आपकी,रखना गुरु का ध्यान ।
जीवन जीने की कला, देगी सबको मान।।

राजेश कौरव सुमित्र

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 299 Views
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