Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2021 · 1 min read

दर्द

हँसती हुई जिंदगी को कैसा दर्द दिया है?
तेरा दिया जहर अमृत समझ पिया है ।
पर हर रोज मैने माँगा तुझे दुआओं में,
कितना कहर ढाया मुझ पर फिजाओं ने।
तेरे इन्तजार में ही हर लम्हा जिया है,
हँसती हुई जिन्दगी को कैसा दर्द दिया है?
अपना बनाकर क्यूं कर दिया हमे बेगाना,
दिल चीरकर अब क्या पडेगा हमे दिखाना?
जालिम जमाने के हर प्रश्न का जवाब दिया है,
हँस्ती हुई जिन्दगी को कैसा दर्द दिया है?
अब आ भी जाओ कुछ बात बाकी है,
इस जिन्दगी की सबसे हसीं रात बाकी है ।
दर्द अपना मैने शब्दो मे बयां किया है,
हँसती हुई जिंदगी को कैसा दर्द दिया है?

प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
6 Likes · 6 Comments · 724 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"ये आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
मिटेगी नहीं
मिटेगी नहीं
surenderpal vaidya
!!!! इंकलाब जिनका नारा था !!!
!!!! इंकलाब जिनका नारा था !!!
जगदीश लववंशी
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Rambali Mishra
रामलला
रामलला
Saraswati Bajpai
गीत
गीत
Shweta Soni
3098.*पूर्णिका*
3098.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन।
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन।
Acharya Rama Nand Mandal
जीवन पथ पर चलते जाना कभी नहीं घबराना।
जीवन पथ पर चलते जाना कभी नहीं घबराना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
पप्पू की तपस्या
पप्पू की तपस्या
पंकज कुमार कर्ण
बात
बात
Ajay Mishra
विधा-कुंडलिया छंद
विधा-कुंडलिया छंद
पूनम दीक्षित
गीत (नशा बंदी) (25)
गीत (नशा बंदी) (25)
Mangu singh
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खुद को रखती हूँ मैं निगाहों में
खुद को रखती हूँ मैं निगाहों में
Dr fauzia Naseem shad
चोट दिल  पर ही खाई है
चोट दिल पर ही खाई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
हमने तुमको दिल दिया...
हमने तुमको दिल दिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
युग के हर दौर में
युग के हर दौर में
Manoj Shrivastava
अब ना देखो फिर से मिलके
अब ना देखो फिर से मिलके
Karishma Chaurasia
यूँ मैंने ख़ुद को खोया है तुझे पाने के लिए,
यूँ मैंने ख़ुद को खोया है तुझे पाने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
पेड़ लगाओ
पेड़ लगाओ
विजय कुमार नामदेव
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
पूर्वार्थ
Loading...