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17 May 2021 · 1 min read

मैं एक किस्सा हूं

मैं एक बीते हुए कल का किस्सा हूं ।
तू मेरे आने वाले कल का इक सपना ।।

मैं ज़रिया हूं, बया तुझे करने का ।
तु मेरी कहानी का एक हिस्सा ।।

शब्दो में लिखता तुझको ।
ओर होठों से करता बया ।।

मेरे सपनों की तू है हक़ीक़त ।
तू ना जाने कितनों का टूटा एक सपना ।।

में टहरा हुआ सा एक दरिया हूं ।
तू बहता कोई झरना ।।

तू बहता कोई झरना …….।

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