Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 May 2021 · 1 min read

कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी

कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी
पनहारिन जब पनघट पर जायेगी
पानी भरकर घड़े सिर पर लायेगी,
गीत सहेलियों के संग वह गायेगी।

खुल जाएंगे, बन्द मंदिर मस्जिद
घंटे अजान की आवाजे आयेगी,
लग जाएंगे लंगर सब गुरुद्वारों मे,
जनता लंगर छक कर खायेगी।।

खुल जाएंगे सब स्कूल कॉलेज,
बिटिया बस्ता लेकर जाएगी
मौज मस्ती सहेलियों संग करेगी
चेहरो पर उनके रंगत आयेगी।।

बन्द पड़ें जो बुजुर्ग अपने घरों में
बाहर निकल कर कभी तो आयेंगे
करेंगे जब अपनी वे पुरानी बातें,
चेहरो पर उनके चमक आयेगी
कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Loading...