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4 May 2021 · 1 min read

बचाने वाले का पहले हक़ होता

बचाने वाले का हक ज्यादा है मारने वाले से
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एक राजा के दो थे राजकुमार,
दोनों ही थे बड़े सुंदर सुकुमार।
एक करता था पक्षियों का शिकार
दूजा करता था उनका उपचार ।

एक दिन दोनों घने जंगल मे गए,
दोनों अपने अपने सामान ले गए।
एक अपना तीर कमान ले गया,
दूजा दवाई मरहम पट्टी ले गया।

दोनों ने एक हंस उड़ता देखा,
बड़ी ललचाई आंखो से देखा।
एक ने उस पर तीर चलाया
धड़ाम से वह जमीन पर आया।।

दोनों गए उस हंस को उठाने,
लगे अपना अधिकार जमाने।
एक ने हंस के जख्म पर पट्टी बांधी
तभी चली जंगल में जोर की आंधी।

दोनों लौटकर अपने महल आए
और हंस को अपने महल में लाए।
दोनों फिर लगे लड़ने झगड़ने
एक कहता था हंस है मेरा,
दूजा भी कहता हंस है मेरा।।

फैसला कौन करे अब इसका,
मामला राजा के पास है आया।
दोनों ने अपनी अपनी बात बताई,
सुनकर राजा ने फैसला सुनाया
हंस उसे मिलेगा जिसने बचाया।

इस फैसले से यह आभास है होता,
बचाने वाले का पहले हक है होता।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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