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6 Apr 2021 · 1 min read

सजा में सुकून

सजा में सुकून

बेकसूर होने के बावजूद
कटघरे में था मैं

गवाह थे सतपुरुष
गवाह थे दरवेश
गवाह थे एक से बढ़कर एक
अपने-बेगाने सब थे विरुद्ध

जुर्म कबूल
करने के अतिरिक्त
मेरे पास नहीं था कोई चारा
अपेक्षित था निर्णय
सख्त सजा का

सजा तो मिली
लेकिन हो गया पर्दाफाश
सतपुरुषों की सच्चाई का
दरवेशों की भलाई का
अपनों की बेवफाई का
बेगानों की कार्यवाही का

मुझे उस सजा में भी
सुकून मिला

-विनोद सिल्ला©

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