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2 Apr 2021 · 1 min read

अधिकार और कर्तव्य

अधिकार और कर्तव्य चल सकते है साथ ,
मगर इसमें समजस्य का है बहुत बड़ा हाथ ।

अधिकार और कर्तव्य सुरक्षित रहते हैं वहां ,
समदृष्टि भी मिलाए इन हाथों में अपना हाथ ।

न्याय – अन्याय पर संदेह का प्रश्न नहीं उठता ,
जब नेक नियति व् विवेक का भी मिले साथ ।

बात चाहे राष्ट्र हित में हो या गृहस्थ जीवन के हित,
सभी जन चलें अपने अधिकार व् कर्तव्य के पथ ।

ना कर्तव्यों का कोलाहल ,न अधिकारों की जंग ,
अपने अपने धर्म का पालन करे मिलकर साथ ।

बहुत आवश्यक है वर्तमान में यह नियम पालन ,
अधिकार और कर्तव्यों का हो सुदृण/सुन्दर साथ ।

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