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18 Mar 2021 · 1 min read

मेरे बिना

तुम एक राह पर
आगे बढ़ते जा रहे हो
पीछे मुड़कर देखते भी नहीं
कितनी प्यारी
एक छोटी सी
दिल लुभाने वाली चीज हूं मैं
पर मेरा मोल तुम समझते ही
नहीं
तुम्हें महत्व दे रही हूं
तुम्हारे पीछे आ रही हूं तो
तुम मेरी आहट पाकर भी
मुझे दुत्कार रहे हो
मेरी तरफ ध्यान नहीं दे रहे
मुझसे न प्यार कर रहे
न ही घृणा का कोई भाव जता रहे
ठीक है
चली जाती हूं
मैं कहीं भी
इस दुनिया में भटकने के लिए
तुम्हें अकेला छोड़कर
तुम्हें तुम्हारे हाल पर छोड़कर
एक दिन तुम पछताओगे
मेरा साथ कहीं न पाकर
यह रास्ते सामने खड़े होंगे
पर सफर तय न कर पाओगे
मेरे बिना
खुद को अकेला पाकर।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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