Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 Mar 2021 · 1 min read

मशगूल है वो अपनी तीमारदारी में

1.

मशगूल है वो अपनी तीमारदारी में
कुछ इस तरह
अपने गम भुलाते – भुलाते उन्हें
दूसरों का ख्याल ही न रहा

2.

शराब उसके जिस्म के
भीतर क्या समाई
न उसे खुदा का ख्याल रहा
न ही उस खुदा का

3.

वो आये गले मिले , कुछ इस अंदाज़ में
मेरे दिल ने उनके अरमां , महसूस कर लिए

Loading...