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4 Mar 2021 · 1 min read

सरस्वती वंदना

दिनांक-०४~०३~२१
प्रस्तुत है पञ्च चामर छंद में सरस्वती वंदना
मापनी-१२ १२ १२ १२ १२ १२ १२ १२
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#सरस्वती_वंदना
नमामि मातु मालिनी, नमामि विन्ध्यवासिनी |
भजामि मातु भोगदा, नमामि मोह नासिनी |
दया करो दया करो, दया करो सुहासिनी |
बुहार अज्ञता सदा, अविद्यता विनाशिनी||

विचार नेक हो सदा, प्रमाद ही विनष्ट हो |
दया दयालुता बिना, न वक्ष ही निरष्ट हो |
विकार की विनाशिनी, सुपंथ मां न भ्रष्ट हो |
असत्य से परे रहूँ, चलूँ सदा न कष्ट हो||

लिखूँ सुगीत मैं सदा, विशुद्ध माँ विचार दे|
न वक्ष में प्रपंच हो, सुछंद माँ सुधार दे|
चले सदा सुलेखनी, सुमंत्र का प्रसार दे|
नमामि वारिजासना, विचार में निखार दे||

✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

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