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18 Feb 2021 · 1 min read

क्यों न खुद से भी कोई वादा करें

क्यों न खुद से भी कोई वादा करें
और फिर हर हाल में पूरा करें

दिल की दौलत से बड़ी दौलत नहीं
प्यार को बस प्यार से तोला करें

जीतने को तो हमें दुनिया मिली
अपनों से हर हाल में हारा करें

ज़िन्दगी की डोर थामे है यही
बोझ दिल का भी जरा हल्का करें

कर लिये जब रास्ते तुमने अलग
हम भी तुमसे क्यों गिला शिकवा करें

देंगे उतना मान या अपमान ये
शब्द दिल मे तोल कर बोला करें

ज़िन्दगी का स्वप्न ही शृंगार हैं
प्राण इनमें ‘अर्चना’ डाला करें

18-02-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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