सिन्धु
सबसे ज्यादा सिन्धु को,खुद पर है अभिमान ।
कश्ती को ले चल उधर, जहाँ अधिक तूफान।
जहाँ अधिक तूफान,धैर्य साहस से रहना।
लहरों की है घात,थाम के कश्ती रखना।
बचपन की है बात, सिन्धु से खेला तबसे।
सदा निभाना धर्म,यही कहता हूँ सबसे।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली