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8 Feb 2021 · 1 min read

ख्वाबों में

रात भर
वह ख्वाब में आये
फिर अगली रात
ख्वाब में आने का
वायदा करके
यह सिलसिला
यूं ही बदस्तूर चलता रहे
तो कितना अच्छा हो
हकीकत में नहीं तो
ख्वाबों में भी कोई
मिलता रहे
यह क्या कम है
वैसे भी
हकीकत में
जिंदगी में तो कोई
मिलता है
बिछड़ता है
जीता है
मरता है पर
ख्वाबों पर तो
हमारा जोर चलता है
जब तक हम नहीं मरते
ख्वाबों में मिलने वाला भी नहीं
मरता है
जिन्दगी मरती है पर
ख्वाबों को कभी मौत नहीं आती।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
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