Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
कान्हा सोनी "रसिया "
10 Followers
Follow
Report this post
5 Feb 2021 · 1 min read
दोहा
बेटी को अब जेवर ना दो, धरने को संदूको में,
कारतुस देना अब उसको,भरने को बंदुको में ।।
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 362 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
यह आशामय दीप
Saraswati Bajpai
तेरे दिल में है अहमियत कितनी,
Dr fauzia Naseem shad
अभिमान है हिन्दी
अरशद रसूल बदायूंनी
आशियाना
D.N. Jha
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बरसात
Ahtesham Ahmad
शिखर पर साध्वी प्रमुखा
Sudhir srivastava
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मुद्दा
Paras Mishra
धुंध कुछ इस तरह छाई है
Padmaja Raghav Science
पितृपक्ष में पितरों का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
चिन्ता करू या चिन्तन क्योंकि
ललकार भारद्वाज
4393.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है कौन सबसे विशाल
उमा झा
"विकृति"
Dr. Kishan tandon kranti
पर्णकुटी केर दीपोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
পৃথিবী
Otteri Selvakumar
हाय अल्ला
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वीरों की बानगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
परम सत्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यदि आपका आज
Sonam Puneet Dubey
**** फागुन के दिन आ गईल ****
Chunnu Lal Gupta
छंद मुक्त कविता : अनंत का आचमन
Sushila joshi
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
Loading...