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9 Jan 2021 · 1 min read

सरस्वती

सात सुरों की धारिणी , दे दो माँ वरदान
किरपा होये आपकी , पाये नर तब ज्ञान

मात मुझे तुम बना लो , अपनी वीणा तार
बैठ आप की शरण में , पाऊँ सुर का सार

श्वेत वर्ण धारिणी माँ , अपना सा दो रूप
तन के क्लेश दूर हो , ऐसा दो स्वरूप

पदमासन माँ हमें दो , काव्य का वरदान
सदा लिखे सच लेखनी ,ऐसी दे दो आन

तुम हो चतु दिशि व्याप्त, तुमसे नीलाकाश
दीप्त तुमसे चराचर, तुमसे जग प्रकाश

Language: Hindi
77 Likes · 2 Comments · 565 Views
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