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4 Jan 2021 · 1 min read

तपती रेत सा प्यार

**** तपती रेत सा प्यार ****
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तपती हुई रेत सा होता है प्यार
फूलों से भी प्यारा होता है यार

लगता है सब कुछ बहुत प्यारा
जब हो जाती हैं दो आंखे चार

खट्टे मीठे भावों से ओत प्रोत
इंकार,इकरार तो कभी तकरार

आँखों में चढ़ी रहती है खुमारी
जब चढ़ जाता ज्वर रूपी प्यार

दिल का दिल से होता है रिश्ता
सुंदर लगता है यह सारा संसार

संयोग तो होता है बहुत रसीला
वियोग दे देता है दर्द अपरंपार

काँटो भरी होती रहती है चुभन
जब कभी जुदा होता कहीं यार

मनसीरत पंछी सी चाहे उड़ारी
स्वछंद सपने हो जाएं साकार
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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