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25 Dec 2020 · 1 min read

छुपा था तेरे लबों पे वो नाम किसका था

ग़ज़ल

पढ़ा था वज़्म में तूने क़लाम किसका था!
क़लाम तेरा अगर था तो नाम किसका था!!

किया था राह में जिसने सलाम यूं मुझको!
है इल्म मुझको वो प्यारा सलाम किसका था!!

यकीन तुमको नहीं आज तक हुआ मुझ पर!
छुपा था तेरे लबों पे वो नाम किसका था!!

बड़े दिनों से नहीं कोई भी खबर तेरी!
लिफाफा देख के जाना पयाम किसका था!!

बहुत थी रौनकें तेरी हसीन महफिल में!
बताना मुझको ज़रा एहतिमाम किसका था!!

हुए हैं कत्ल यहाँ खौफ भी बहुत होगा!
कोई तो जानता होगा ये काम किसका था!!

हिना लगी है हथेली में नाम है चस्पा!
हथेलियों में छुपाया जो नाम किसका था!!
आभा सक्सेना दूनवी

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