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23 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक - जवान और किसान

मुक्तक

जवान ठिठुरता है सीमा पर,
तब ही देश सुरक्षित।
किसान ठिठुरता है खेतों में,
तब ही हम हैं भक्षित।
किसान जवान नहीं होगें तब,
नहीं बचेंगे हमसब,
देश की है यह जिम्मेदारी,
करना इनको रक्षित।

रचनाकार
नवल किशोर शर्मा ‘नवल’
बिलारी मुरादाबाद
मो0 नं0- 9758280028

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