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22 Nov 2020 · 1 min read

तन्हा आसमां

You sent Today at 13:16
Wow Wow
23:50
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आसमां में तारे गुम से हैं।
कोई कसक शायद उसके दिल में है ।
ये मंज़र अचानक इतना कैसे बदल गया ।
वो कोन है जो आसमां से रूठ गया ।
नभ के तारे भी आज चुप से बैठे है ।
चांद ने भी अपनी चांदनी आज नहीं बिखेरी है ।
ना आज अमावस है फिर क्यों ये रात घनेरी है ।
शांत इस रात में बैठे दो प्रेमी आज किसको ताक रहे होंगे।
सपनो के इस आंगन में आसमां से कुछ तो पूछ रहे होंगे ।।
तारों की बात होगी या चांद का कोई क़िस्सा सुनाया जा रहा होगा ।
जमी पर बैठे आसमां की सैर का कोई सपना सजा रहा होगा ।।
कोई तो पूछ लो आसमां से , किस बात का उसे आज गम है ।
क्यू आसमां में आज तारे सारे गुम हैं।
क्या कसक है वो, जो इसके दिल में है ।

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