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19 Nov 2020 · 1 min read

-- ये तो होना ही था --

जब जब भार पड़ा धरती पर
तब तब लीला रची गयी
अछे खासे चलते जीवन में
घोर विपदा यूं गढ़ी गयी

कल तक जो करते थे नाज
खुद पर और अपने बल पर
आज देखो कैसे कैसे
नत मस्तक हैं बिस्तर पर

हर देश में ऐसा भयंकर
जानलेवा सा है हाल हुआ
जो करता था घमंड खुद पर
उसका भी बुरा हाल हुआ

वैसे अच्छा ही हुआ है
जो यह साल सबक दे गया
बड़े बड़े धुरंधरों की पोल तो
सबके सामने खोल गया

मत करो अभिमान किसी चीज का
सब पल में मिटटी हो जाता है
करो भलाई के काम दोस्तों
यही जीवन में सब के काम आता है

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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