गज़ल
हालात ने हमको हक़ीक़त दिखा दिया
है कौन अपना इस जग में, बता दिया ।
रहते थे हम सदा महफूज़ खुशफहमी में
अपने ही लोगों ने हम को रुला दिया ।
रूठ कर हमसे हमारे ख्वाब भी चले
गफलत की नींद से हमको जगा दिया ।
समझा क्या होती है बेफिक्रि दोस्तों
जब बचपन को जवानी ने मिटा दिया।
गंवा दी पूंजी हमने बच्चों को बनाने में
आज कहतें हैं आप ने हमें क्या दिया ?
-अजय प्रसाद