Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
6 Nov 2020 · 1 min read

चिंता नहीं चिंतन कीजिए

चिंता नहीं चिंतन कीजिए
मन अपना चेतन कीजिए
आलोचना से भयभीत न हो
निर्णयों का आत्ममंथन कीजिए

भूल यदि हुई है तो उसका सुधार संभव है
जो बिगड़ गया उसका भी उद्धार संभव है

स्वीकारिए अपनी त्रुटियां को
फिर संभलने का जतन कीजिए
चिंता नहीं चिंतन कीजिए
मन अपना चेतन कीजिए

निसंदेह यहां भाग्य का खेल चलता है
परन्तु निरंतर प्रयासों में ही सफलता है

लक्ष्य की सदैव आशा रखिए “अर्श”
मुश्किलों का भी अभिनंदन कीजिए
चिंता नहीं चिंतन कीजिए
मन अपना चेतन कीजिए

Loading...