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29 Oct 2020 · 1 min read

आँचल

आँचल
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जिस माँ के आँचल की
छाँव में हम पले बढ़े
बड़े हुए,समझदार हुए,
आज उसी माँ के सामने
हमनें माँ का आँचल
तार तार कर दिया,
अपनी समझदारी का
शानदार उदाहरण पेश किया।
हमनें माँ से
बड़ी ही बेहयाई से कहा
माँ तू तो एकदम गँवार लगती है,
हमारे स्टैंडर्ड में
तू फिट नहीं बैठती है,
मेरी छोड़ माँ
मेरा क्या है?
अपनी बहू की नजरों में
तू एकदम नौकरानी लगती है।
◆ सुधीर श्रीवास्तव

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