Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Oct 2020 · 1 min read

प्राण तुम्हारे आने से भी अब क्या ही होगा

प्राण तुम्हारे आने से भी अब क्या ही होगा
धरती के नीचे जिस्म फूलों सा खिल रहा होगा

तकते थे जो नयन निस दिन राह तिहारे
अब नील गगन के आले पर टंगा होगा

तुम थे , थी कुछ मीठे स्वप्न मिलन के
अब उन नयनों में जाने क्या बसा होगा

~ सिद्धार्थ

Loading...