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10 Sep 2020 · 1 min read

आज के दोहे

पर धन की इच्छा कभी,नहीं करो जी आप।
पर धन की इच्छा सदा, होता है जी पाप।।१२२।।

जो कुछ धन है आपका, वही रहेगा साथ।
पर धन तो टिकता नहीं,खाली रहता हाथ।।१२३।।

श्रम की रोटी में सदा, रहती खूब मिठास।
मन को मिलती शांति है,उर में रहे उजास।।१२४।।

काम करे जो नीति की,होती जय जयकार।
ईश्वर भी देते उन्हें, अपना प्यार दुलार।।१२५।।

Language: Hindi
1 Like · 8 Comments · 687 Views

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