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8 Sep 2020 · 1 min read

याद आदमी की

अब कौन ये सुने जी, फरियाद आदमी की।
विश्वास पर टिकी है, बुनियाद आदमी की।
यह देह तो चली जो,उस लोक की तरफ को-
पर पास रहती हरदम, बस याद आदमी की।

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