टूटकर बिखरना अब तज भी दो यार...
~~ बिखरे पल ~~
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हँसते हँसते जान भी, अपनी की कुर्बान
तेरे ग़म को बांट लूं - अजय कुमार मल्लाह
*** तदबीरें जीने मरने की ***
!!"योगी का डंडे का जोर"!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या
सच तुम रूठ जाओ तो
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जब दिल लगाना ही नहीं था तुमको बाते ही ना करते
कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया ....
!! मेरी वसीयत !!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
** दर्द सा उठता है धुंआ **
#### चेहरा तो लग रहा है ,,,,,,,,
चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक