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21 Aug 2020 · 1 min read

यह क्यों हो रहा है.....

ना जाने मुझे ये क्या हो रहा है …
मेरा दिल किसी मे इस कादर से क्यों खो रहा है …
क्यो मुझे चैन अब उसके बिना आता नही …
पहले भी तन्हा था तो अब क्यों उसके बिना रहा जाता नही…
क्यों उसकी हसी से मुझे अब फर्क पड़ने लगा है…
क्यों उसका साथ छूट ना जाय, यह सोच दिल डरने लगा है …
मुहब्बत नही उससे यह कोई और रिश्ता बन गया है…
उसका प्यार अब दिल में धीरे धीरे और ज्यादा बढ़ रहा है…
उसकी जुबां पे नाम किसी का आए तो मुझे तकलीफ क्यों होती है …
जब आंखो में आंसु देखलु तब मेरी न जाने क्यों रुह रोती है …
मैं अब जान को भी कुछ नहीं समझता हूं उसके आगे…
क्यों अनजाने में कर रहा हूं मै उससे इतने वादे…..
मेरा रब उसको सारे जहां की खुशियां दें दें…..
मुझे चाहे रुलाए वो, मगर उसके सारे गम वो ले ले।

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