Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2020 · 1 min read

यह क्यों हो रहा है…..

ना जाने मुझे ये क्या हो रहा है …
मेरा दिल किसी मे इस कादर से क्यों खो रहा है …
क्यो मुझे चैन अब उसके बिना आता नही …
पहले भी तन्हा था तो अब क्यों उसके बिना रहा जाता नही…
क्यों उसकी हसी से मुझे अब फर्क पड़ने लगा है…
क्यों उसका साथ छूट ना जाय, यह सोच दिल डरने लगा है …
मुहब्बत नही उससे यह कोई और रिश्ता बन गया है…
उसका प्यार अब दिल में धीरे धीरे और ज्यादा बढ़ रहा है…
उसकी जुबां पे नाम किसी का आए तो मुझे तकलीफ क्यों होती है …
जब आंखो में आंसु देखलु तब मेरी न जाने क्यों रुह रोती है …
मैं अब जान को भी कुछ नहीं समझता हूं उसके आगे…
क्यों अनजाने में कर रहा हूं मै उससे इतने वादे…..
मेरा रब उसको सारे जहां की खुशियां दें दें…..
मुझे चाहे रुलाए वो, मगर उसके सारे गम वो ले ले।

Language: Hindi
3 Likes · 311 Views

You may also like these posts

माँ गौरी रूपेण संस्थिता
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
Pratibha Pandey
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
Dr fauzia Naseem shad
साथ चले कुछ दूर फिर,
साथ चले कुछ दूर फिर,
sushil sarna
राम गीत 2.0
राम गीत 2.0
Abhishek Soni
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
Shakil Alam
श्रद्धांजलि समर्पित
श्रद्धांजलि समर्पित
Er.Navaneet R Shandily
छंदमुक्त काव्य?
छंदमुक्त काव्य?
Rambali Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पूँजी, राजनीति और धर्म के गठजोड़ ने जो पटकथा लिख दी है, सभी
पूँजी, राजनीति और धर्म के गठजोड़ ने जो पटकथा लिख दी है, सभी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जो दर्द किसी को दे, व्योहार बदल देंगे।
जो दर्द किसी को दे, व्योहार बदल देंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
"ला-ईलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
आज में जियो
आज में जियो
पूर्वार्थ
गुमनाम
गुमनाम
Santosh Shrivastava
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चर्चा बा राजधानी में
चर्चा बा राजधानी में
Shekhar Chandra Mitra
रिश्ते
रिश्ते
Shashi Mahajan
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
मुक्तक -
मुक्तक -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
Lokesh Sharma
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
..
..
*प्रणय*
सपना
सपना
अवध किशोर 'अवधू'
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
Vinit kumar
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...