Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
19 Aug 2020 · 1 min read

तुम उड़ते जाओ

तुम उड़ते जाओ कि खूब ऊंचे
नजर हवा पर जमाये रखना

गगन के मेहमान बन भी जाना
जमीं से रिश्ता बनाये रखना…

अँधेरों से होड़ है तुम्हारी
सितारे मुट्ठी में भर रहे हो

उजाले का राज लाओगे ही
जतन भी इतने जो कर रहे हो

सूरज भी हाथ आ जाये लेकिन
दिए को भी तुम जलाये रखना…

वो कहता है कि मरा नहीं हूँ
जो जिंदा है भी तो कर क्या लेगा

यह मोम का तो बना नहीं
जो आंच से पिघला भर क्या देगा

जो कांच के ग र तुम्हारे घर हों
तो पत्थरों से बचाये रखना…

जमाना भी जिनका ख़ौफ़ खाता
वो डरते हैं साये से भी अपने

फ़टे हुए दामनों के मालिक
सितारों के देखते हैं सपने

जो अंधों के गांव जा रहे हो
आंखों पे चश्मा लगाए रखना…
✍️सतीश शर्मा

Loading...