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16 Aug 2020 · 1 min read

अब बहुत हुआ.......°°°°

मन विचलित हो उठा सुन
वो संज्ञान पुरानी थी,
जहर उगलते माता पिता
संतानों की बारी थी।
गरज रही है धरती माता
आफत उसपे आयी थी,
देख कर भेष इंसानों का
हृदय उसका कांपी थी।।।।

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