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14 Aug 2020 · 1 min read

खुला सा रख l

खुला सा रख l
बुलबुला सा रख l
ना आशा रख l

सुख है लेना l
सीख ले, अगोरना l
राज, खोल ना l

ध्यान ही धन l
एसा रहे चलन l
नमन मन l

अरविन्द व्यास ” प्यास “

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