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3 Aug 2020 · 1 min read

दरख्त से इंसान !!

दरख्त ही नमाज हो, दरख़्त ही अजान !
दरख्त से ही पीर सब, दरख्त से इंसान !!
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प्रियंका सौरभ
स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

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