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31 Jul 2020 · 1 min read

मुंशी : सम्राट

हे उपन्यासों के सम्राट,
कोटि – कोटि तुझको नमन।

हे कलम के तेज सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।

हे कलम के प्रखर सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।

हे हिंदी के उच्च शिखर,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।

हे दिन – दुखियों के स्वर,
कोटि – कोटि तुझको नमन।

हे गद्य के शिखर कर्ता,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।

हे कलम के निडर सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।

हे कलम के सच्चे सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।

हे कहानियों के करतार,
कोटि – कोटि तुझको नमन।

हे कृषकों के कलरव,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।

हे मजदूरों के मरहम,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।

हे जनों के जननायक,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।

हे करुणा के सागर,
कोटि – कोटि तुझको नमन।

हे चेतनाओं के चिंतक,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।

हे अबला के अमर गान,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।

हे बालकों के बाल स्वरूप,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।

हे गरीबों के गर्व,
कोटि – कोटि तुझको नमन।

हे अमीरों के अभिमान,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।

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