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18 Jul 2020 · 1 min read

चिड़िया पर दोहे

चिड़िया पर दोहे
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चिड़िया चहकी है फुदक,जब-जब अमुआ ठाँव।
तिनका-तिनका चुन रही,सिर जाने निज ठाँव।।

बैठी है निज घोसला ,चूजों का कर ध्यान।
ध्यान लगाकर जाँच लो,यह ही प्रेम विधान।।

फुदक फुदक कर नाचती,होती बहुत प्रसन्न।
दिख जाती है जब कही,इक दो दाना अन्न।।

कोमल पंख पसारकर,उड़ती नभ की ओर।
दाना पानी के लिए,जब होती शुभ भोर।।

चिड़ियों से भी प्यार कर,द्वेष कपट रख दूर।
बनने देना घोसला,निज सदन कोहिनूर।।
★★★★★★★★★★★★★★★★
रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

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