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17 Jul 2020 · 1 min read

~~◆◆{{◆◆चाहत◆◆}}◆◆~~

मेरी जायदाद बस इतनी सी है एक सांस आती है एक जाती है,चाहत की तो बात ही ना कर इस ज़मीं से चाँद तक बस वो नज़र आती है।

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