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22 Feb 2024 · 1 min read

सपने सुहाने

उज्जवल सपनों में खो जाओ,
पीड़ा भूलकर जब भी सो जाओ।

स्वप्न महल के सुरम्य परिसर में झूम जा,
मनोरंजन कर, बिन परमार्थ जन्नत में भी घूम आ।

कल्पना की उड़ान भर छू लो नभ का नीला शीर्ष
स्वप्पनिल सफर पर कर दे कुछ बिन विचार-विमर्श I

ख्वाब में भी किंचित निर्वाण है और विलक्षण सच,
सपनों की प्रेरणा, कभी उत्साह जो रूह में जाती है रच

कुस्वप्न से जूझ कर जीतो और निडर जीना सीखो,
सुस्वप्न देख उस हलाहल को निर्विघ्न पीना सीखो ।

भ्रम ही सही , कभी जादू में खोकर आनंदित हो
जीवन में भर के अनदेखे कुछ रंग , सबको चकित कर दोI

सपनों की धुंध में गुम होकर ,बुनो प्रेरणा की सुनहरी शॉल,
मस्त दिवास्वप्न में विचर ,भुला दो उलझे जगत का जंजाल II

Language: Hindi
154 Views
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