Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
9 May 2020 · 1 min read

तरंगों के सागर

कभी कभी
वक्त से मुझे
ऐसा आभास
होता है
कि मैं
एकदम अकेला हूं
इन्ही ख्यालों की
रुपरेखा मेरे
आनन पर
झलकती रहती है
परंतु मेरा हृदय
मुझे अपनी
प्यार भरी तरंगों के
सागर में
डुबों ले जाता है।।

Loading...