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3 May 2020 · 2 min read

क्या दिन थे वो…

क्या दिन थे वो जब हम घर से बाहर जाया करते थे
चाट,पकौड़ी और बतासे जमकर खाया करते थे
दूकानों पर छनी जलेबी और समोसे चले गए
छोले-भटूरे,इडली-विडली,डोसे-वोसे चले गए

चले गए वो दिन भी जब हम साथ में घूमा करते थे
गलबहिया कर दिन भर यारों के संग झूमा करते थे
अब तो दूर-दूर ही रहना सबको बेहतर लगता है
अपनो को भी छूने में अब हमको तो डर लगता है

बसें रुकी हैं, ट्रेन थम गई, एरोप्लेन भी ठहर गया
सड़कों पर भी भीड़ को देखे हुए जमाना गुजर गया
जनता भी अब देख के खतरा जीवन का..पाबंद हुई
माॅल,सिनेमा हाॅल,कचहरी और दुकानें बंद हुईं

सड़कों पर है पुलिस बताओ गुंडागर्दी कहाँ करें
फूल कैद हैं भँवरें अब आवारागर्दी कहाँ करें
बीड़ी, गुटखा,सिगरेट के भी तलबगार सब लगते हैं
घर में बैठे हुए निकम्मे समझदार अब लगते हैं

कैद गरीबी झोपड़ियों में, आँतें रोया करती हैं
पेट भरे न जब दिन भर तो रातें रोया करती हैं
बैठे हैं मजदूर दिहाड़ी घर पर कोई काम नहीं
मेहनतकश लोगों को बिल्कुल भी भाता आराम नहीं

वीजा लेकर वायुयान से भारत में मुस्काई है
ये तो अपने बुद्धिमान पूतों की वृहद कमाई है
चमन को खतरा, फूल से खतरा और कली में खतरा है
शहर से आई हुई हवा से गली-गली में खतरा है

अर्थव्यवस्था डूब रही पर दुनिया की मजबूरी है
जान बचाने को तालाबन्दी ये बहुत जरूरी है
बैठी सजी सँवर कर दुल्हन होकर गौना नहीं गयी
लाखों की जाँ लेकर भी बेदर्द कोरोना नहीं गयी

आशा है कि शीघ्र गगन में बादल वो भी छाएँगे
सुख और शान्ति की बूँदे हर पल धरती पर बरसाएँगे
चिड़ियाँ चहकेंगी पेड़ों पर कोयल गीत सुनाएगी
भरी उमंगो से नदियाँ ये बाँहों में लहराएँगी

निकलेगा विश्वास का सूरज जाकर के अरुणाचल से
पर्वत न खामोश रहेंगे लोगों के कोलाहल से
कोरोना की बारिश में जब पाप सभी धुल जाएँगे
उस दिन मंदिर मस्जिद के पट बंद सभी खुल जाएँगे

गरम जलेबी पर मधुमक्खी भिनभिन करती आएगी
होली,दीपावली,दशहरा,क्रिसमस,ईद मनाएगी
छुआछूत का अंत दिखेगा जब निर्भय हो जाएँगे
तब जाकर सब गले मिलेंगे बाँहों में खो जाएँगे

फिर से सड़कों पर फर्राटा मोटर गाड़ी दौड़ेगी
सबको अपनी अपनी मंजिल पर ले जाकर छोड़ेगी
बस्ते लेकर हँसते-हँसते किस्मत गढ़ने जाएँगे
फिर से सब स्कूल खुलेंगे बच्चे पढ़ने जाएँगे

बौर लगेंगे आम फलेंगे सूनी सूनी डालों पर
फिर से होगी हँसी ठिठोली गाँवों की चौपालों पर
कोरोना की नई कहानी नानी सबको बाँचेगी
होरी थाप लगाएगा और धनिया झूम के नाचेगी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 628 Views

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