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20 Apr 2020 · 1 min read

" सुनो ऐ हवाओं "

सुनो ऐ हवाओं !
यूं हमें बार- बार हैरान ना किया करो ,
यूं हमारी उंगलियों को परेशान ना किया करो ।

वो क्या है ना !
यूं हमारे मन में हलचल मचाया ना करो ,
यूं हमारे गालों को बालों से चूमा ना करो ।

हां वो क्या है ना !
यूं हमारे ध्यान को बंटाया ना करो ,
यूं बार – बार हमें सताया ना करो ।

हम पहले कह देते हैं !
यूं हमारे धैर्य का इम्तिहान लिया ना करो ,
यूं हमारे खुबसूरती को इतना निखारा ना करो ।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली

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