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10 Apr 2020 · 1 min read

मनुष्य तू बड़ा महान है

मनुष्य तू बड़ा महान तू सब गुणों की खान है
तू जो चाहे पर्वतों को तोड़ नदियों के रूख को मोड़ दे
अम्बर से उड़ान भर पाताल तक खोज करें
तेरी ही मुट्ठियों में बन्द यहा वेग हैं

तेरी ही क्षमता के बल पर पतवार चली
हर सम्भव प्रयास तेरे यहां विपदा टली
आज मार्ग से भटक गया है
अपने ही भंवर में अटक गया है
क्या काम किया नियम विरुद्ध
जो धरती मां को खटक गया है
जीवन के मूल्यों को पहचान
न करना कभी निराश मन

बन जा अधीर डटकर वीर
बाधा से पार चले वही परमवीर
मन के द्वार खोल दे
तारो को झकझोर कर
मलिनता धोकर देष छोड़
अपने कर्म को जान कर
कर प्रयास त्याग कर अभिमान
जरा तू खुद को पहचान

मनुष्य तू बड़ा महान है तू सब गुणों की खान है

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