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16 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

दवा लगे न दुआ लगे सजदे में मेरा सर न झुके
लोग कहते हैं मेरे दिमाग का खाना खराब है
~ सिद्धार्थ
2.
ये कैसी गफलत है सारे शहर में रिंदों में मेरा नाम सुमार है
ढूंढती फिरती हुं दवा खब्तगी की जब की इश्क की बीमार हुं
~ सिद्धार्थ

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