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12 Mar 2020 · 1 min read

साकी तू है, यह मयकदा लिए जलवा लाजवाब है l

साकी तू है, यह मयकदा लिए जलवा लाजवाब है l
कभी शराब में शबाब है, कभी शबाब में शराब है ll

हो जाती है, शराब गुलाबी , शबाब का रस रंग ले l
तबियत खुशियों बीच बहती, बहकती है, जो खराब है ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

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