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2 Mar 2020 · 1 min read

जिन्दगी में ठोकर

जिन्दगी में
सबक देती है
ठोकर

सड़क पर
पड़ा पत्थर
यहाँ वहाँ
लुटकता रहता है
ठोकरों से
शिकायत
करता नहीं
गुमनाम जिन्दगी
जीता है

लेते जो
सबक ठोकर से
आसान होती
जिन्दगी
उनकी आगे

जमाना देता
इन्सान को
ठोकर बहुत
और देती
पहचान
अपने पराये की

समझो मत
ठोकर को दुश्मन
लो सीख
जीवन में इससे

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

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