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18 Feb 2020 · 1 min read

नव वर्ष

फिर नव वर्ष मनाना है |

नया दिन ,नया सवेरा

नया जोश भर लाना है

नयी दिशाएँ ,नयी रचनाएँ

नया उत्साह जगाना है

फिर नव ……………|

बीते कल को भूलकर

नए कल में जाना है

कैसा वैर, कैसी दुश्मनी

सबको दोस्त बनाना है

फिर नव ……………|

ना कोई छोटा, ना बड़ा

सबसे प्यार बढ़ाना है

ना कोई निर्धन, ना अमीर

सबको गले लगाना है

फिर नव ……………|

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