Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Jan 2020 · 1 min read

" हे पथिक ! "

?????????????????

हे पथिक तु मत घबरा ,
हृदय को अपने मजबूत बना ।

चलते-चलते रास्ते पर मंजिल बहुत दूर देखा है ,
हर रात के बाद सुबह होते देखा है ।

हे पथिक ! जरा कदम तो उठा ,
हमने भी कांटों में गुलाब खिलते देखा है ।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली

Loading...