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27 Jan 2020 · 1 min read

आंखों को सिखाएंगे

गजलों का हुनर अपनी आंखों को सिखाएंगे,
रोएंगे बहुत लेकिन आंसू नहीं आएंगे.
कह देना समुंदर से हम ओस के मोती है,
दरिया की तरह तुमसे मिलने नहीं आएंगे.
वे धूप की छप्पर हो या छाओं कि किनारे,
अब जो भी उठाएंगे मिल जुल के उठाएंगे.
जब साथ न दे कोई आवाज देना,
हम फूल सही लेकिन पत्थर भी उठाएंगे…

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